Monday 7 December 2015

आँखों में इंतज़ार आज भी है

Think About India
 
काली चमड़ी
क्यों?
तुम निकलते हो सड़कों पर
किसी गोरी चमड़ी वाहन तले आने को
वो क्यों पलट तुम्हें देखेंगे?
अब पड़े रहो रक्त बहाते भीड़ के मध्य
जो देखेंगे, संवेदनात्मक होंगे, फिर पकड़ेंगे राह
पुलिस क्यों आने वाली समय पर
क्यों कोई अस्पताल करेगा भर्ती तुम्हें
तड़फ-मरना ही है नसीब तुम्हारा
पर
तुम शायद भूले
तुम्हारे इन्तजार में होंगी कुछ आँखे,
छोटे बच्चे! रोटी खाने, थपकी पाकर सोने को
कि यह काम तुमसे अच्छा कोई नहीं कर सकता
पर शायद तुम्हें अब कुछ याद नहीं
जो तुम सो रही हो
बेपरवाह, बेख़ौफ़-लम्बी निद्रा....
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‪#‎व्यथित‬ मन #
Ajay K. Tripathi

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