Friday 4 September 2015

आधुनिकता का चोला

Think About India

एक मेरी माँ हैं, एक तू है 
मेरी खून दिखे तो रोती है
तू खून से हाथ धोती है 
क्या आधुनिक होना यही है?

मेरी राहे लखती है,
सलामती के सजदे करती है 
खुद बीमार हो 
पर हमें भूखा नहीं रखती 
तु राह ही बंद करती है 
शादियाँ पर शादियाँ करती है
क्या यही आधुनिकता है?

गर तु प्यार करती,समझती  
तो कहती, समझाती, निष्ठुर न बनती 
सबेरा दिखाती, रात न करती 
अगर यही आधुनिकता है!
तो तुझे दूर से सलाम 
कह देता हूँ तुझे अभी से राम! राम....

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