Friday 4 September 2015

आधुनिक माँ

Think About India


जल रहीं मन तितलियाँ 
कुरद रहे घाव 
अब तक आरक्षण 
अब शीना का बवाल 
तलवार संगीने में रख दो 
मामला फिल्माई है 
तीन पीढ़ियों,परिवारों का वर्क 
इन्द्राणी का इंद्रजाल 
सब मौन, तीन-साल 
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क्या यह है नारी उत्थान, स्वतंत्रता 
ढूंढ रही हरदिन नया मुकाम 
चांदी के चम्मच की जिजीविषा 
गहन बैचेनी, कुढ़न, छिपाती पहचान 
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पसीने के बदले लहू 
बच्चों की जान 
कि माँ-शब्द हो रहा बदनाम
तुम बेगैरत आधुनिक माओं से ....

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