Wednesday 16 March 2016

अवसान या नवजीवन ?

Think About India


जब सूर्य अवसानित होता है  
दिन-भर के ताम-झाम के बाद
उसकी किरणें नदी-जल में
स्वर्ण-रश्मियाँ बिखेर देती हैं
यौवन नहीं जरा है
पर
लाल-गोला बार-बार द्वन्द करता
आच्छादित होता है
बादलों में
वह डर, थक या हार कर नहीं गया
वह गया नवजीवन, नए सबेरे के लिए
पर लोग कहते हैं वह डूब गया
पर वह एक जीवन जी गया
कल से फिर नव उन्मेष होगा
समस्त जगत का अवलोकन होगा..

 

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