Thursday 17 March 2016

दुखियारी माँ !

Think About India




मुझे ये सुगबुगाहट थी पर मंजर ने यकीं दिला दिया
खून बेशक सबका लाल था पर माँ का लाल न था
अब होती हैं सिर्फ़ सियासते भारी माँ के नाम पे
माँ का दिल वही रहा पर बेटे की नजर बदल गई
कौन माँ, किसकी माँ, कैसी माँ ! क्यों माँ की जय
की मैं बड़ा हो गया, शूट-बूट, तू रह दुखियारी माँ


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