Think About India
Sunday 7 June 2015
Think About India
!! कभी-कभी एक
#
रहष्य
गहराता है
#
उत्तर
समझ नहीं आता है
लोग कहते है हम
#
जिंदगी
जी रहे है
पर लगता है, जिंदगी ही हमें जी रही है
सब के अपने सच हैं, अपने
#
सपने
हैं
अरमानों पर तो घड़े पानी पड़े हैं
क्या सच है, क्या झूठ
कुछ भी मालूम नहीं
क्योंकि यहाँ तो
#
सूरज
का सातवाँ घोडा है
और जनाब!
#
चाँद
का भी मुह टेढ़ा है !!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment