Saturday 21 March 2015

बेमौसमी बारिश और तेज हवा की भेंट चढ़ी रबी फसल


लगातार हुई कई  दिनों की बारिश और आंधी ने  पूरे देश की रबी कृषि को नुकसान पहुचाया है. जिसमें गेंहू, आलू और दाल की फसल को भारी नुकसान पंहुचा है. इसके कारण रबी फसल के उत्पादन में 20% तक कमी आने का अंदेशा  लगाया जा रहा है.

बारिश और तेज हवा से जहाँ खड़ी गेंहूँ की फसल पूरी तरह से बिछ गयी है और उसकी बाली को भी नुकसान पहुंचा है वहीँ सरसों की पकी फसल ओले पड़ने के कारण पूरी तरह से दब गयी है और उसमें बीमारियाँ लगने का खतरा भी बढ़ गया है. मसूर, चना के खेत भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. आलू की बेड पर बारिश के कारण सड़ने का खतरा मंडरा रहा है. जौ की फसल को भी नुकसान पंहुचा है. नागपुर में बिन मौसम बारिश ने और तूफानी मौसम से संतरे की फसल के साथ आम और अंगूर के बाग भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. महाराष्ट्र में 100 करोड़ के करीब फसल उपज हानी होने की संभावना है. छत्तीसगढ़ में गेंहू की फसल के साथ-साथ मसूर की खड़ी फसल को भी नुकसान पहुंचा है.


उत्तर प्रदेश, राजस्थान हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में किसानों के लिए मुसीबत लेकर आई है. कई हिस्सों में खेतों में अत्यधिक पानी के बहाव से गेहूं, सरसों और आलू की फसलें व्यापक रूप से नष्ट हो गई हैं. मैनपुरी जिले में आलू की खुदाई पर बुरा प्रभाव पड़ा है और पानी ने फसल को बर्बाद कर दिया है. एटा-कासगंज क्षेत्र में तंबाकू की फसल नष्ट हो गई है. मथुरा जिले में किसानों ने तेज हवाओं के कारण गेहूं की खेती चौपट होने की शिकायत की. आगरा क्षेत्र में टमाटर, मटर और धनिया जैसी फसलों की खेती भी बर्बाद हो गई है. फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में किसानों ने कहा कि अत्यधिक बारिश से आलू का रंग फीका पड़ सकता है और यदि खेतों से पानी निकाला नहीं गया, तो फसलें सड़ सकती हैं. हरियाणा के पटौदी में भी गेंहू की फसलें बिछ गयी है कमोबेश पंजाब में भी यही हाल है.


अब किसान भाइयों  को सबसे पहले पानी से भरे खेत से जल्द ही  पानी को निकालने की व्यवस्था करनी पड़ेगी  जिससे फसल को तुरंत होने वाले नुकसान को कम किया जा सके. इसके बाद उसमें बीमारियाँ न लग पाएं इसका भी उचित ध्यान रखना पड़ेगा.
किसानों का हिमायती
अजय कुमार त्रिपाठी

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